“अब चुप नहीं बैठ सकते”: वक्फ हिंसा पर कलकत्ता हाई कोर्ट की सख्त टिप्पणी

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पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में वक्फ कानून को लेकर हुए विरोध प्रदर्शन में हुई हिंसा और तीन लोगों की मौत के बाद, कलकत्ता हाई कोर्ट ने शनिवार को केंद्रीय बलों की तैनाती का आदेश दिया। अदालत ने साफ कहा कि संवैधानिक अदालतें तमाशबीन नहीं बन सकतीं, जब आम नागरिकों की सुरक्षा खतरे में हो।

मालदा, मुर्शिदाबाद, दक्षिण 24 परगना और हुगली में हिंसक प्रदर्शन के दौरान पुलिस वाहनों में आग लगाई गई, सुरक्षाबलों पर पथराव हुआ और सड़कों को जाम किया गया।


🛡️ कोर्ट की अहम टिप्पणियां:

“हर नागरिक को जीवन का अधिकार है और राज्य की जिम्मेदारी है कि उसकी जान-माल की रक्षा की जाए।”

“जब जनता की सुरक्षा खतरे में हो, तब अदालत तकनीकी दलीलों में नहीं उलझ सकती।”

“स्थिति गंभीर और विस्फोटक है। निर्दोष लोगों पर हुए अत्याचारों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई होनी चाहिए।”

“हम उन रिपोर्ट्स की अनदेखी नहीं कर सकते, जिनमें कई जिलों में तोड़फोड़ की पुष्टि हुई है।”


⚖️ कोर्ट का आदेश:

  • केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की तैनाती राज्य प्रशासन के सहयोग से की जाएगी ताकि राज्य में कानून-व्यवस्था बहाल की जा सके।
  • राज्य सरकार और केंद्र, दोनों को स्थिति पर विस्तृत रिपोर्ट जमा करने को कहा गया है।
  • मामले की अगली सुनवाई 17 अप्रैल को होगी।

मुख्य न्यायाधीश द्वारा गठित विशेष पीठ — जिसमें जस्टिस सौमेन सेन और जस्टिस राजा बसु चौधरी शामिल थे — ने यह सुनवाई विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी की याचिका पर की, जिसमें उन्होंने केंद्रीय बलों की मांग की थी।


🗣️ राज्यपाल और मुख्यमंत्री की प्रतिक्रिया:

राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने अदालत के फैसले का स्वागत करते हुए कहा:

“मुझे खुशी है कि हाई कोर्ट ने समय रहते सही निर्णय लिया है।”

वहीं, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दो टूक कहा:

“हमने साफ कर दिया है कि यह वक्फ संशोधन कानून बंगाल में लागू नहीं होगा। तो दंगा किस बात पर हो रहा है?”

उन्होंने चेतावनी दी कि धार्मिक भावनाओं के राजनीतिक दुरुपयोग की कोशिश करने वालों पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। साथ ही कहा:

“यह कानून केंद्र सरकार ने बनाया है, हम नहीं। जवाब उनसे मांगिए।”


राज्य के DGP राजीव कुमार ने भी स्पष्ट किया कि राज्य पुलिस किसी भी हाल में कानून व्यवस्था को बिगाड़ने की इजाज़त नहीं देगी


संदेश साफ है: अब अदालत और प्रशासन दोनों ही स्थिति को गंभीर मान रहे हैं और त्वरित कदम उठाए जा रहे हैं ताकि शांति और कानून-व्यवस्था को बहाल किया जा सके।

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