16वां वित्त आयोग की टीम ने आज सत्तारूढ़ राजनीतिक दल और विपक्षी दलों समेत अन्य दलों से मुलाकात की

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16वां वित्त आयोग की टीम ने आज रांची में सत्तारूढ़ राजनीतिक दल और विपक्षी दलों समेत कुछ अन्य राजनीतिक दलों से मुलाकात की। मुलाकात के बाद पत्रकारों से बातचीत में राज्य की प्रमुख विपक्षी पार्टी भारतीय जनता पार्टी और आजसु पार्टी ने आयोग के समछ राज्य सरकार पर वित्तीय कुप्रबंधन का आरोप लगाया है। भारतीय जनता पार्टी के नेता राकेश सिन्हा ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि आयोग के समक्ष पार्टी में 21 बिंदुओं को रखा है। उन्होंने कहा कि वित्त आयोग मूलतः तीन बिंदुओं पर काम करता है। आपदा प्रबंधन पंचायती राज और राजस्व घाटा। इन तीनों बिंदुओं पर भारतीय जनता पार्टी ने अपना पक्ष रखा है। उन्होंने कहा कि झारखंड में पंचायती राज चुनाव संपन्न कराए गए हैं लेकिन दो वर्षों से स्थानीय निकाय चुनाव नहीं हुआ है। हाई कोर्ट के आदेश से बावजूद चुनाव नहीं करना जन भावनाओं के साथ धोखा है।इस बात को पार्टी ने आयोग के समक्षरखा है। उन्होंने कहा कि आयोग के अध्यक्ष से आगरा किया गया है कि चुनाव तुरंत कराया जाए। उन्होंने कहा कि चुनाव नहीं होने से जिन योजनाओं से संबंधित निर्णय जनप्रतिनिधियों को लेना चाहिए उसे अधिकारी ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि ऐसा होने से भ्रष्टाचार चरम पर हो गयाहै। राकेश प्रसाद ने कहा कि आयोग के समक्ष आपदा प्रबंधन पर भी बातचीत हुई है। झारखंड में 30% वन क्षेत्रहै। इसके कारण वज्रपात की घटनाएं होती रहती हैं। इस घटना में हर साल 300 से 400 लोगों की मौत हो जाती है। इस पर भी विचार करने की जरूरतहै। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा निर्धारित मुआवजा राशि को भी बढ़ाने की मांग की गई। राकेश सिन्हा ने कहा कि मतदाता सूची को आधार से लिंक करने की जरूरत है ताकि योजनाओं का लाभ घुसपैठिए ना उठा सके। इधर आजसू पार्टी के नेता प्रवीण प्रभाकर ने कहा कि झारखंड राज्य लंबे संघर्ष के बाद मिला है। इस राज्य पर विशेष दृष्टि होनी चाहिए। प्रवीण प्रभाकर ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार के कार्यकाल में विकास की रफ्तार को पूरी तरह से अवरुद्ध कर दिया गया है। राज्य को राजनीतिक स्वार्थ की बलि चढ़ाया जारहा है। उन्होंने कहा कि झारखंड में वित्तीय को प्रबंध वित्तीय अनियमित और भ्रष्टाचार का बोलबाला है। प्रवीण प्रभाकर ने कहा कि 15 वे वित्त आयोग की अनुशंसा पर मिली राशि का खर्च का ब्यौरा भी राज्य सरकार देने में असमर्थ है। उन्होंने जानना चाहा कि क्या केंद्र सरकार की राशि को लोक लोभावन योजनाओं में डायवर्ट कर दिया गया। इधर सत्तारूढ़ गठबंधन की प्रमुख पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा ने भी आयोग के समक्ष कई महत्वपूर्ण बिंदुओं को उठाया। पार्टी के केंद्रीय महासचिव विनोद पांडे ने केंद्र सरकार से झारखंड को पर्याप्त सहयोग नहीं मिलने की बात को प्रमुखता से रखा। उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि 16 वें वित्त आयोग की अनुशंसाओं के आधार पर केंद्र सरकार का सहयोग झारखंड को मिलेगा। उन्होंने कहा कि वर्षों से बकाया रॉयल्टी की राशि एक लाख चालीस हजार करोड रुपए झारखंड को जल्द से जल्द मिलेंगे। उन्होंने कहा की रॉयल्टी का पैसा जब केंद्र सरकार से झारखंड को मिलेगा तो उसका उपयोग राज्य के विकास में किया जाएगा।

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