गुरुग्राम में 25 वर्षीय टेनिस खिलाड़ी राधिका यादव की निर्मम हत्या की जांच में उनके पिता के वित्तीय विवरण और अपराध से जुड़े नए खुलासे हुए हैं. राधिका के पिता, दीपक यादव, जो फिलहाल हिरासत में हैं और उन्होंने अपनी बेटी की हत्या की बात कबूल कर ली है, कथित तौर पर ₹15 लाख से ₹17 लाख प्रति माह कमाते थे, उनके पास गुरुग्राम में एक आलीशान फार्महाउस और एक लाइसेंसशुदा हथियार भी था.
गुरुवार को सुबह करीब 10:30 बजे, गुरुग्राम के पॉश सुशांत लोक इलाके में अपने घर में राधिका को उनके पिता ने गोली मार दी थी. दीपक ने अपनी बेटी पर पांच गोलियां चलाईं, जिनमें से तीन उसे पीठ में लगीं जब वह नाश्ता बना रही थी.
पिता की संपत्ति और आय का खुलासा
एनडीटीवी से बात करते हुए, वज़ीराबाद गांव – दीपक के पैतृक स्थान – के एक परिचित ने पुष्टि की कि आरोपी के पास गुरुग्राम में कई संपत्तियां हैं और वह किराए से प्रति माह ₹15 लाख से ₹17 लाख कमाता है. परिचित ने बताया, “दीपक के पास गुरुग्राम में कई किराये की संपत्तियां हैं. उसके पास एक शानदार फार्महाउस है, और गांव में हर कोई जानता है कि वह अमीर है.”
दीपक ने अपनी बेटी को मारने के लिए लाइसेंसशुदा .32 बोर रिवॉल्वर का इस्तेमाल किया. हथियार का जिक्र करते हुए, परिचित ने कहा, “केवल सही कनेक्शन और पैसे वाले लोग ही इस तरह का लाइसेंस ले सकते हैं. कोई आम आदमी इसे नहीं रखता.”
हत्या के पीछे का कारण: विरोधाभासी बयान
पुलिस के अनुसार, दीपक ने कबूल किया है कि वह महीनों से परिवार में चल रहे तनाव के कारण राधिका की वित्तीय स्वतंत्रता, इंस्टाग्राम रील्स और एक म्यूजिक वीडियो में उसकी उपस्थिति से परेशान था. उसने पुलिस को बताया कि वज़ीराबाद गांव के लोग उसे अपनी बेटी की कमाई पर निर्भर रहने के लिए ताना मारते थे और उसने राधिका से कई बार अपनी टेनिस अकादमी बंद करने का आग्रह किया था.
हालांकि, इस कबूलनामे का परिचित ने खंडन किया है. परिचित ने कहा, “जब इतना पैसा है, तो गांव में कौन कहेगा कि वह अपनी बेटी के पैसे पर जी रहा है? दीपक बहुत ही सभ्य व्यक्ति है. उसने अपनी बेटी को टेनिस सिखाने के लिए अपनी पढ़ाई भी छोड़ दी थी. उसने अपनी बेटी के लिए ₹2 लाख के टेनिस रैकेट खरीदे थे. वह अपनी बेटी से बहुत प्यार करता है. हत्या के पीछे कोई निजी कारण हो सकता है, टेनिस या टेनिस अकादमी नहीं.”
यहां जिस अकादमी का जिक्र किया जा रहा है, वह गुरुग्राम के सेक्टर 57 में राधिका का अपना प्रशिक्षण संस्थान है. कथित तौर पर, दीपक अपनी बेटी के बढ़ते कद और स्वतंत्रता से नाराज़ था, खासकर अकादमी खुलने के बाद.
घटना का विवरण
राधिका अपने माता-पिता के साथ उसी सेक्टर में एक दो मंजिला घर में रहती थी. उसके चाचा, कुलदीप यादव, अपने परिवार के साथ भूतल पर रहते थे. FIR के अनुसार, कुलदीप ने एक तेज़ आवाज़ सुनी और पहली मंजिल पर भागे, जहां उन्हें राधिका रसोई में पड़ी मिली.
बंदूक पास के ड्राइंग रूम में पड़ी थी. कुलदीप और उनके बेटे पीयूष ने तुरंत उसे अपनी गाड़ी में रखा और सेक्टर 56 के एशिया मैरिंगो अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.
यह घटना जिसने पूरे देश को झकझोर दिया है, अभी भी जांच का विषय बनी हुई है.