बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना, जो इस समय भारत में निर्वासन में हैं, ने देश के अंतरिम सरकार प्रमुख मोहम्मद यूनुस को “माफिया” करार दिया और उन पर “आतंकवादियों को छोड़ने” और “अराजकता फैलाने” का आरोप लगाया। इसके जवाब में, ढाका सरकार ने दोहराया कि शेख हसीना को भारत से वापस लाना उसकी शीर्ष प्राथमिकता है और उनके प्रत्यर्पण की प्रक्रिया तेज करने पर जोर दिया।
शेख हसीना का बयान
5 अगस्त 2024 को छात्रों के नेतृत्व में हुए विरोध प्रदर्शन के बाद सरकार से बेदखल होने के बाद शेख हसीना भारत आ गई थीं। सोमवार को उन्होंने ज़ूम के माध्यम से उन चार पुलिसकर्मियों की विधवाओं से बातचीत की, जो पिछले साल जुलाई में हुए छात्र आंदोलन के दौरान मारे गए थे।
“ये हत्याएं एक सोची-समझी साजिश का हिस्सा थीं, ताकि मुझे सत्ता से हटाया जा सके।”
उन्होंने आगे कहा, “मैं वापस आऊंगी और हमारे पुलिसकर्मियों की मौत का बदला लूंगी।”
उन्होंने मोहम्मद यूनुस पर जांच समितियों को भंग करने और देश में हिंसा भड़काने का आरोप लगाया।
“ये लोग बांग्लादेश को बर्बाद कर रहे हैं।”
शेख हसीना ने यह भी दावा किया कि जब उनकी सरकार गिराई गई, तब उन पर जानलेवा हमला हुआ था, जिससे वह बाल-बाल बचीं।
“भगवान की कृपा से मैं बच गई ताकि लोगों के लिए कुछ अच्छा कर सकूं। मैं लौटूंगी और सबको न्याय दिलाऊंगी।”
छात्र आंदोलन और सत्ता से बेदखली
पिछले साल जुलाई-अगस्त में हुए छात्र आंदोलन के दौरान शेख हसीना की सरकार गिरा दी गई थी। यह आंदोलन कोटा सिस्टम के खिलाफ शुरू हुआ था, लेकिन बाद में उनकी सरकार को हटाने की मांग में बदल गया।
इस हिंसक आंदोलन में चार पुलिसकर्मियों की मौत हो गई थी, और शेख हसीना का दावा है कि इस साजिश के पीछे मोहम्मद यूनुस का हाथ था।
उन्होंने कहा कि “मोहम्मद यूनुस जैसे माफिया और उन हत्याओं के दोषियों को बांग्लादेश की ज़मीन पर न्याय के कटघरे में लाया जाएगा।”
उन्होंने जनता से अपील की कि “जो सरकार सत्ता पर जबरन काबिज हुई है, उसे हटाना होगा। जनता को यह सुनिश्चित करना होगा। यूनुस के शासन में मानवाधिकार उल्लंघन चरम पर है। हमें यह तय करना होगा कि लोग उसे सत्ता से बाहर करें।”
ढाका सरकार की प्रतिक्रिया
शेख हसीना के बयान के तुरंत बाद, बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने साफ कर दिया कि उन्हें भारत से वापस लाना उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता है।
“यह सरकार की सबसे बड़ी प्राथमिकता है। हम शेख हसीना को प्रत्यर्पित कराने के प्रयास जारी रखेंगे ताकि उन पर मुकदमा चलाया जा सके।”
- मोहम्मद यूनुस के प्रेस सचिव, शफीकुल आलम
शफीकुल आलम ने आगे कहा कि बांग्लादेश की जनता और राजनीतिक दल यह तय करेंगे कि शेख हसीना की पार्टी ‘आवामी लीग’ को देश की राजनीति में रहना चाहिए या नहीं।
उन्होंने यह भी कहा कि संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयोग (OHCHR) की रिपोर्ट में शेख हसीना की सरकार पर मानवता के खिलाफ अपराधों के आरोप लगे हैं।
“संयुक्त राष्ट्र और अन्य मानवाधिकार संगठनों की रिपोर्ट सामने आने के बाद भारत पर भी दबाव बढ़ गया है कि वह शेख हसीना को बांग्लादेश वापस भेजे।”
भारत की प्रतिक्रिया का इंतजार
बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय ने भारत को एक औपचारिक राजनयिक पत्र भेजकर शेख हसीना के प्रत्यर्पण की मांग की है।
नई दिल्ली ने इस पत्र की प्राप्ति की पुष्टि की है, लेकिन अभी तक इस पर कोई औपचारिक जवाब नहीं दिया गया है।