सुप्रीम कोर्ट ने गोल्ड स्कैम की आरोपी नौहेरा शेख को दो विकल्प दिए हैं—या तो 90 दिनों के भीतर निवेशकों को ₹25 करोड़ लौटाएं, या जेल जाने के लिए तैयार रहें।
हीरा गोल्ड एक्सिम प्राइवेट लिमिटेड की प्रबंध निदेशक नौहेरा शेख पर ₹5,600 करोड़ की धोखाधड़ी का आरोप है, जिससे लाखों निवेशक प्रभावित हुए हैं। उनके खिलाफ कई राज्यों में एफआईआर दर्ज हैं।
कोर्ट का सख्त आदेश
आज हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) को निर्देश दिया कि यदि नौहेरा शेख 90 दिनों में ₹25 करोड़ नहीं लौटाती हैं, तो उन्हें हिरासत में ले लिया जाए।
न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि नौहेरा शेख नवंबर 2024 से कोर्ट के आदेशों का पालन नहीं कर रही हैं।
“हम आखिरी मौका दे रहे हैं कि आरोपी को तीन महीने के भीतर ₹25 करोड़ जमा करने होंगे। अगर वह ऐसा नहीं करती हैं, तो उनकी जमानत स्वतः रद्द हो जाएगी और ईडी उन्हें वापस जेल भेजेगी,” न्यायमूर्ति पारदीवाला ने कहा।
“मेरे पास पैसे नहीं हैं”—नौहेरा शेख का दावा
वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल, जो नौहेरा शेख की ओर से पेश हुए, ने अदालत में कहा कि उनके पास पैसे नहीं हैं।
हालांकि, ईडी ने तर्क दिया कि उनके पास कई संपत्तियां हैं, जिनमें से कुछ पहले ही जब्त की जा चुकी हैं।
कोर्ट ने जब उनसे उन संपत्तियों की सूची मांगी जिन्हें नीलाम किया जा सकता है, तो उन्होंने सिर्फ तीन संपत्तियों का विवरण दिया, जिनमें से दो तेलंगाना में हैं और उन्हें नीलाम किया जा सकता है।
अब भी जारी है SFIO की जांच
हीरा गोल्ड स्कैम की जांच गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय (SFIO) द्वारा की जा रही है। यह मामला अभी भी तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक और दिल्ली में लंबित है।
कैसे हुआ घोटाला?
हीरा गोल्ड कंपनी गहनों और सोने के व्यापार में निवेश की योजना पेश करती थी, जिसमें 36% का भारी लाभ देने का वादा किया गया था।
शुरुआत में कंपनी ने निवेशकों को लाभ दिया, लेकिन 2018 में कुछ निवेशकों ने धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज कराई। इसके बाद अक्टूबर 2018 में नौहेरा शेख को गिरफ्तार कर लिया गया।
अब देखना होगा कि क्या वह कोर्ट के आदेश का पालन करती हैं या फिर जेल जाना पड़ेगा।