भारत में बड़ी तेजी से फैल रहे कोरोना वायरस पर सतर्कता बरतने के लिए झारखण्ड सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। विधानसभा बजट सत्र के दौरान सरकार ने 17 मार्च से लेकर 14 अप्रैल तक सभी शिक्षण संस्थान को बंद करने का फैसला लिया है। यहां तक कि सभी सिनेमा हाल, चिड़िया घर और सार्वजनिक संस्थान को बंद करने के आदेश दिया गया है। इसको लेकर सीएम हेमन सोरेन ने एक उच्च स्तरीय बैठक की। बैठक के बाद यह फैसला लिया गया। कई राज्यों की सरकार ने शिक्षण संस्थान और प्रतिष्ठानों को 31 तक बंद करने का आदेश जारी कर दिया है।
सोमवार को बजट सत्र प्रारंभ होने के साथ ही सत्ता पक्ष और विपक्ष के विधायक कोरोना वायरस को लेकर मामला उठाया। कई विधायकों ने कोरोना वायरस को लेकर राज्य में प्रतिष्ठानों को बंद करने की मांग उठाई। स्टीफन मरांडी ने कहा कि राष्ट्रीय आपदा घोषित होने के बाद झारखंड सरकार रिस्क क्यों ले। उन्होंने कहा कि सरकार से मांग करता हूं कि रिस्क नहीं लेना चाहिए। यहां किसी संदिग्ध में कोरोनावायरस की पुष्टि नहीं हुई है लेकिन सतर्कता बरतने की जरुरत है।सदन की कार्यवाही शुरू होते ही कोरोनावायरस पर सदन में विशेष चर्चा की मांग भाजपा के विधायकों की तरफ से की गई। भाजपा विधायक अनंत ओझा ने कोरोना पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि अभी झारखंड में बजट सत्र चल रहा है और कोरोना एक महामारी की तरफ पूरे विश्व में फैल रहा है। ऐसे में झारखंड भी इससे अछूता नहीं है। सदन में इस पर चर्चा होने से राज्य की जनता के मन में आ रही शंकाओं पर विराम लगेगा। साथ ही सरकार की तैयारी से भी जनता अवगत हो सकेगी।
पोड़ैयाहाट से विधायक प्रदीप यादव ने कहा कि गोड्डा में अडाणी कंपनी का काम चाइनिज कंपनी को मिला है। ऐसे में उनके स्वास्थ्य की जांच होनी चाहिए। वहीं माले विधायक विनोद सिंह ने अप्रवासी भारतीयों के वापसी पर उनके स्वास्थ्य के जांच की मांग की। झारखंड सरकार के मंत्री हाजी हुसैन अंसारी ने कहा कि कोरोनावायरस पर सीएम से चर्चा होना है। उसके बाद ही सरकार अपनी तैयारी को सार्वजनिक करेगी। उन्होंने कहा कि सरकार इस मामले में सकारात्मक फैसला लेगी। उधर, कोरोना वायरस पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने कहा कि सरकार से जानने की कोशिश की जाएगी कि उनकी क्या तैयारी है। वहीं, निर्दलीय विधायक सरयू राय ने कहा कि सरकार को चाहिए कि विशेषज्ञ के बताए गए निर्देश का पालन करे।