रांची के सांसद संजय सेठ ने आज अपने आवास पर सुबह 10:00 am से अपराहन 4:00 बजे तक उपवास रखा। सांसद सेठ ने कहा इस कोरोना महामारी से निपटने में राज्य सरकार पूरी तरह विफल रही इसी को लेकर आज पूरे प्रदेश में उपवास कार्यक्रम झारखंड प्रदेश के अध्यक्ष दीपक प्रकाश के आह्वान पर आयोजित की गई। सांसद सेठ ने कहा राज्य सरकार झारखंड की जनता के प्रति जिम्मेवारी का निर्वहन करने में विफल साबित हुई है। राज्य सरकार झारखंड के बाहर फंसे छात्र छात्राओं, रोजगार के लिए बाहर गए मजदूर कामगार, या इलाजरत झारखंड के नागरिक जो बाहर फसे हुए हैं उनको लाने की व्यवस्था तुरंत करें। सरकार द्वारा कोई ठोस कदम नहीं उठाया गए हैं। सिर्फ बहाना बाजी कर केंद्र सरकार पर दोषा रोपन कर रहे हैं।
रांची विधायक सीपी सिंह ने कहा- झारखंड सरकार कोई ऐसा काम नहीं कर रही, जिससे आम लोगों को राहत मिले। कोटा में फंसे छात्रों को लाने का कोई प्रयास नहीं किया जा रहा। झारखंड सरकार केवल यह साबित करना चाहती है कि वो केंद्र से बात कर रही है। बात नहीं काम कीजिए। मजदूरों के खाते में पैसे नहीं डाल रही है। लॉकडाउन की वजह से अपने ही घरों पर उपवास का निर्णय लिया है। इधर, रांची नगर निगम की मेयर आशा लकड़ा भी एक दिवसीय उपवास पर अपने आवास पर बैठीं।
बाबुलाल मरांडी ने कहा कि आज पार्टी की ओर से एकदिवसीय उपवास का कार्यक्रम राज्य सरकार को लॉकडाउन के वक्त उनका दायित्व बोध कराने, उन्हें सचेत करने, उन्हें जगाने के लिए किया गया है। आज लॉकडाउन का 29 वां दिन है। राज्य सरकार उम्मीदों पर खरी नहीं उतर पा रही है। जांच की गति काफी धीमी है। राज्य के अंदर वैसे लोगों की तादाद बहुत है जिनके पास राशनकार्ड नहीं है या किसी सरकारी सुविधा का लाभ उनको नहीं मिल रहा है। भारत सरकार के द्वारा पर्याप्त मात्रा में अनाज मुहैया कराने के बाद भी सरकार इन वंचितों तक अनाज पहुंचाने में नाकाम रही है।
उधर अमर बाउरी ने ट्वीट कर कहा: “झारखण्ड के प्रवासी मजदूरों-कामगारों, विद्यार्थियों एवं अन्य नागरिकों की वापसी व सहायता को लेकर सरकार की उदासीनता व अकर्मण्यता के खिलाफ आज प्रातः 10:00 से सायं 4:00 बजे तक उपवास पर बैठा हूँ।हमारी मांग है कि, सरकार जल्द से जल्द इस ओर अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए ठोस कदम उठाए।”