भाजपा के वरिष्ठ नेता पूर्व मंत्री सह विधायक सीपी सिंह ने राज्य के पुलिस प्रशासन पर कड़ा प्रहार करते हुए कहा कि राज्य के पुलिस महानिदेशक एक अधिकारी की भाषा नही बल्कि सत्त्ताधारी दल के कार्यकर्ता की भाषा बोल रहे हैं। दरअसल यह सरकार राष्ट्र व्यापी संकट में भी तुष्टिकरण की राजनीति कर रही है। सरकार के छोटे से लेकर बड़े पदाधिकारियों पर गैर कानूनी निर्णयों के लिये दबाव बनाया जा रहा है। पदाधिकारी सरकार के इशारे पर कठपुतली बने हुए हैं जबकि पदाधिकारी किसी दल से नही बल्कि नियमो से बंधे होते हैं।
उन्होंने कहा कि कोरोना संकट में लॉक्ड डाउन के बीच अनेक निर्णय इस बात की पुष्टि करते है कि सरकार की नीति और नियत क्या है? उन्होंने कहा कि डॉक्टर्स, नर्सेज, पुलिसकर्मी, सफाई कर्मचारी जैसे कोरोना योद्धा अपनी जान की बाज़ी लगाकर देश समाज की सेवा कर रहे हैं ऐसे में उन्हें अपमानित करना, उनपर थूकना, पत्थर फेकना घोर निंदनीय कार्य है। उन्होंने कहा कि हिंदपीढ़ी में सफाई कर्मियों और स्वास्थ्य कर्मियों के साथ दुर्ब्यावहार की घटना लगातार घटित हो रही है। पर दुर्भाग्य जनक स्थिति यह है कि प्रशाशन ऐसे आपराधिक तत्वों से निपटने के बजाय मूक दर्शक बनी हुई है। हद तो तब हो गई जब ऐसे अपराधियों पर हुए एफआईआर के खिलाफ करवाई न कर राज्य के डीजीपी ऐसे लोगों का मनोबल बढ़ा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि 7 अप्रैल को नाला रोड, हिंदपीढ़ी में सफाईकर्मियों पर थूकने की घटना हुई। जिसकी लिखित शिकायत 10 अप्रैल को हिंदपीढ़ी थाना में दर्ज कराई गई है। शिकायत कर्ताओं में शिवनंदन गोप, संजीव कुमार, पीयूष गुप्ता, रामबृक्ष महतो शामिल हैं। बावजूद इसके डीजीपी अनभिज्ञता प्रकट कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस घटना के पूर्व भी सफाई कर्मियों के साथ वार्ड पार्षद के पति मोहम्मद असलम ने दुर्व्यवहार किया था। जिसके लिये उन्होंने लिखित माफी भी मांगी थी। उन्होंने कहा कि पुलिस अबिलम्ब एफआईआर पर संज्ञान लेते हुए जांच कर दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करे ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति नही हो।