दनकियारी विधायक अमर कुमार बाउरी ने मंगलवार को सदन में लोहरदगा मामले को उठाया। उन्होंने कहा कि आज तक जहां जहां भी राज्य में सीएए के समर्थन में प्रदर्शन या जुलूस निकाल गए है उन सभी पर हमला हुआ है। लोहरदगा में भी सीएए के समर्थन में प्रदर्शन किए गए थे और उसपर अधिकारियों के सामने ही हमला किया गया और प्रदर्शनकारियों पर पथराव किये गए। सरकार का कोई भी नेता या अधिकारी अभी तक लोहरदगा पीड़ितों से मिलने नही गए है।
उन्होंने कहा कि देश के जिस कानून को मान्यता मिल चुकी है उसको लेकर राजनीति करने यह राजनीतिक तुष्टिकरण है। इस पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग उन्होबे सरकार से की। वहीं उन्होंने सरकार के कार्यनीति पर सवाल उठाते हुए कहा कि पिछले पांच वर्ष की सरकार में कभी भी कही भी राज्य में कर्फ्यू नही लगा लेकिन मात्रा तीन महीने में वर्तमान सरकार को कर्फ्यू लगाने की जरूरत पड़ गयी। सरकार को इसपर विचार करने की जरूरत है।
राज्य में बालू की समस्या का मामला चंदनकियारी विधायक सह पूर्व मंत्री अमर कुमार बाउरी ने प्रमुखता से उठाया। सदन में उन्होंने बालू उठाओ को लेकर सवाल किया। उन्होंने कहा कि जिस तरह से जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन बालू से जुड़े लोगों को टारगेट कर उनके खिलाफ अभियान चला रही है उससे गरीबी और बेरोजगारी की समस्या बढ़ रही है। सिर्फ चंदनकियारी में ही 20 से अधिक बालू के ट्रेक्टर को पुलिस ने जप्त किया है और उसका फाइन भी नही लिया जा रहा है। जिस कारण ट्रेक्टर थाना में सड़ रहा है। वहीं इस काम से जुड़े युवा जो बेरोजगार थे और लोन लेकर ट्रेक्टर खरीद था वो अब जिला प्रशासन के रवैये के कारण खेती और मजदूरी करने को मजबूर है।
उन्होंने सरकार से मांग किया कि बालू उठाव मामले में जो भी ट्रेक्टर पकड़े गए है उसको फाइन लेकर छोड़ा जाए। क्यों कि वो बालू प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए भी उपयोग में लाया जा रहा है। अगर ट्रेक्टर ही नही होने तो बालू उठाव का काम रुक जाएगा और पीएम आवास योजना से बनाने वाले आवास पर भी इसका सीधा असर होगा। उन्होंने कहा कि सरकार इस मामले को जल्द सुलझाए और सरकारी योजनाओं या फिर अन्य कार्यों के लिए भी जहां बालू की उपयोगिता है उसे चालू करवाये।