भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने हेमन्त सरकार को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि कोरोना जैसे संकट में भी झारखण्ड सरकार जनता का दोहन करने में कोई मौका नहीं छोड़ रही है। वहीं जब जनता को सुविधा मुहैया कराने की बात होती है तब वह केवल खानापूर्ति करती नजर आती है। सरकार प्राइवेट लैब में covid-19 की जांच शुल्क दूसरे प्रदेशों में जहां 2250-2500 है, वहां झारखंड में यह शुल्क 4500 रुपया है। वहीं क्वारेंटाइन सेंटर में प्रति व्यक्ति तीनों वक्त के भोजन की दर झारखंड में 60 रुपया है। जबकि पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ में ₹150 रुपया तो बिहार में इसकी दर से ₹125 तय की गई है।
उन्होंने कहा कि राज्य के सारे क्वारेंटाइन सेंटर में यूं ही अव्यवस्था का आलम नहीं है। यह तो ईश्वर का प्रताप है कि सरकार की ऐसी कई लापरवाही के बाद भी राज्य में कोरोना ने उतनी भयावहता नहीं दिखाई। वरना सरकार तो क्या कर रही है वह किसी से छुपा नहीं है। उन्होंने मुख्यमंत्री को पत्र में कहा कि प्राइवेट लैब में जांच की दर घटाई जाए और क्वारेंटाइन सेंटर में भोजन की दर सम्मानजनक की जाए।