22 मई का दिन सुहागनों के लिए बहुत खास है। इस दिन वट सावित्री पूजा का पर्व है। इस दिन सुहागन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए बरगद के पेड़ की पूजा करती है। पति की लंबी आयु के लिए किया जाने वाला यह व्रत इस बार 22 मई दिन शुक्रवार को है। कोरोना वायरस के इन वैश्विक समस्या के बीच होने वाली इस पूजा को लेकर व्रतियों में कुछ संशय भी है।
दरअसल सवाल है कि लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग के बीच इस व्रत को कैसे पूरा करें। अगर बहुत से लोग वट वृक्ष के पास जमा हो जाएंगे तो इससे भीड़ होने के कारण सोशल डिस्टेंसिंग का उल्लंघन हो सकता है। हालांकि इसका उपाय भी है। वट वृक्ष की एक टहनी घर में लाकर गमले या भूमि में स्थापित करें, उसकी भी पूजा व परिक्रमा का फल वृक्ष की पूजा के बराबर ही मिलता है।
बरगद के पेड़ की पूजा त्रिदेव के रूप में ही की जाती है। अगर आप बरगद के पेड़ के पास पूजा करने नहीं जा सकते हैं तो आप अपने घर में ही त्रिदेव की पूजा करे। साथ ही अपने पूजा स्थल पर तुलसी का एक पौधा भी रख लें। अगर उपलब्ध हो तो आप कहीं से बरगद पेड़ की एक टहनी तोड़ कर मंगवा लें और गमले में लगाकर उसकी पारंपरिक तरीके से पूजा करें।
पूजा में जल, मौली, रोली, कच्चा सूत, भिगोया हुआ चना, फूल तथा धूप का प्रयोग करें। फिर भीगा चना, कुछ धन और वस्त्र अपनी सास को देकर उनका आशीर्वाद लें। इस व्रत में सावित्री-सत्यवान की पुण्य कथा का श्रवण जरूर किया जाता है। यह कथा पूजा करते समय दूसरों को भी सुनाएं।