प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी AI एक्शन समिट की सह-अध्यक्षता करने के लिए फ्रांस पहुंच चुके हैं। इस दौरान वे फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के साथ पहले भारतीय वाणिज्य दूतावास का उद्घाटन करेंगे और अंतर्राष्ट्रीय थर्मोन्यूक्लियर प्रायोगिक रिएक्टर परियोजना के निरीक्षण के लिए मार्सिले भी जाएंगे। इसके बाद पीएम मोदी अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के निमंत्रण पर दो दिवसीय यात्रा के लिए वॉशिंगटन रवाना होंगे।
पेरिस में एआई समिट की शुरुआत
सोमवार से पेरिस में कृत्रिम बुद्धिमत्ता शिखर सम्मेलन (AI Summit 2025) का आगाज होगा, जिसमें एआई की भूराजनीति (geopolitics) मुख्य विषय रहेगा। मंगलवार को प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति मैक्रों इस शिखर सम्मेलन की सह-अध्यक्षता करेंगे, जिसमें अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस भी उपस्थित रहेंगे। पीएम मोदी फ्रांस की शीर्ष कंपनियों के प्रमुखों से भी मुलाकात करेंगे और बुधवार को एक विशेष रात्रिभोज में शामिल होंगे।
वैश्विक नेता और टेक सीईओ लेंगे हिस्सा
इस शिखर सम्मेलन में दुनियाभर के 80 देशों के नेता और प्रमुख टेक कंपनियों के सीईओ भाग लेंगे। जर्मन चांसलर ओलाफ शोल्ज, कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन त्रूदो, ओपनएआई के सीईओ सैम ऑल्टमैन, माइक्रोसॉफ्ट के अध्यक्ष ब्रैड स्मिथ और गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई भी इसमें शामिल होंगे।
संयुक्त घोषणा पत्र पर काम जारी
बीते साल ब्रिटेन में हुए AI समिट के दौरान 28 देशों ने एआई जोखिमों से निपटने के लिए एक गैर-बाध्यकारी प्रतिबद्धता जताई थी। पेरिस समिट में भी एआई सुरक्षा एजेंडा प्राथमिकता पर रहेगा। मैक्रों के कार्यालय के अनुसार, इस बार अधिक नैतिक, लोकतांत्रिक और पर्यावरणीय रूप से टिकाऊ एआईके लिए संयुक्त घोषणा पत्र तैयार करने की दिशा में काम चल रहा है। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि अमेरिका इस प्रस्ताव का समर्थन करेगा या नहीं।
2.6 अरब डॉलर का फंड जुटाने की योजना
इस शिखर सम्मेलन का एक अन्य महत्वपूर्ण लक्ष्य पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत 2.6 अरब डॉलर का फंड जुटाना है। फ्रांस सरकार व्यवसायों और परोपकारी संगठनों को शामिल कर विश्वसनीय एआई के लिए ओपन-सोर्स डेटा, सॉफ्टवेयर और अन्य टूल्स उपलब्ध कराना चाहती है। मैक्रों की टीम चाहती है कि एआई केवल कंप्यूटिंग क्षमता में सुधार की प्रतिस्पर्धा तक सीमित न रहे, बल्कि इसे कैंसर और कोविड जैसी समस्याओं के समाधान में उपयोगी बनाया जाए।
भारत-फ्रांस संबंधों पर मैक्रों की राय
प्रधानमंत्री मोदी के साथ द्विपक्षीय बैठक से पहले राष्ट्रपति मैक्रों ने कहा कि भारत और फ्रांस के संबंध मित्रता पर आधारित हैं। एक इंटरव्यू में उन्होंने एआई के वैश्विक प्रभाव, भारत-फ्रांस साझेदारी और अमेरिका की भूमिका पर विचार साझा किए। उन्होंने भारत को एक महाशक्ति बताते हुए कहा कि भारत हर साल 10 लाख इंजीनियर तैयार करता है, जो अमेरिका और यूरोप की कुल संख्या से भी अधिक हैं। इंटरव्यू की शुरुआत मैक्रों ने “भारत के लोगों को मेरा नमस्ते” कहकर की और इसे “बहुत धन्यवाद” के साथ समाप्त किया।