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प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में श्रद्धालुओं की आस्था का जनसैलाब उमड़ पड़ा है। 17 फरवरी, सोमवार तक 54.31 करोड़ से अधिक श्रद्धालु संगम में पवित्र डुबकी लगा चुके हैं। श्रद्धालुओं का आगमन लगातार जारी है, जिससे पूरे क्षेत्र में आध्यात्मिक ऊर्जा और भक्तिमय माहौल बना हुआ है।
श्रद्धालुओं का निरंतर आगमन
- बड़ी संख्या में श्रद्धालु गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम पर स्नान कर पुण्य अर्जित कर रहे हैं।
- सोमवार रात नैनी ब्रिज पर जबरदस्त ट्रैफिक देखा गया, जिससे कुंभ क्षेत्र में भीड़ बढ़ने की पुष्टि होती है।
- श्रद्धालु विभिन्न राज्यों से आकर मेले में शामिल हो रहे हैं और कई जगहों पर विशेष धार्मिक अनुष्ठान भी आयोजित किए जा रहे हैं।
व्यवस्था और सुरक्षा
- प्रशासन ने भीड़ को नियंत्रित करने और श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए विशेष ट्रैफिक प्लान और सुरक्षा प्रबंधन लागू किए हैं।
- घाटों पर स्नान के दौरान पुलिस, NDRF और प्रशासन की टीम लगातार निगरानी कर रही है।
- सेवा शिविरों, मेडिकल कैंप और जल आपूर्ति केंद्रों की संख्या बढ़ाई गई है ताकि श्रद्धालुओं को किसी भी असुविधा का सामना न करना पड़े।
धार्मिक अनुष्ठान और सांस्कृतिक कार्यक्रम
- कुंभ में विभिन्न धार्मिक, आध्यात्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम हो रहे हैं, जिनमें प्रवचन, भजन संध्या और संतों के विशेष प्रवचन शामिल हैं।
- श्रद्धालु स्नान के बाद विभिन्न अखंड कीर्तन, हवन और यज्ञ में भाग ले रहे हैं।
- विभिन्न धार्मिक अखाड़ों और संत समाज के प्रमुख लोग भी कुंभ में अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं।
आस्था और श्रद्धा का अद्भुत संगम
प्रयागराज कुंभ केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति, परंपरा और आध्यात्मिकता का भव्य संगम है। श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या यह दर्शाती है कि कुंभ का महत्व युगों-युगों तक बना रहेगा। प्रशासन, संत समाज और श्रद्धालु मिलकर इस महापर्व को दिव्यता और भव्यता प्रदान कर रहे हैं।
आगामी दिनों में श्रद्धालुओं की संख्या और बढ़ने की संभावना है, जिससे कुंभ का यह आयोजन इतिहास में एक और गौरवशाली अध्याय जोड़ देगा।