गुरुग्राम कर्मचारी का आरोप – समय पर ऑफिस छोड़ने और चाय ब्रेक लेने पर 20 दिनों में नौकरी से निकाला

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Reddit आजकल कर्मचारियों के लिए अपने दफ्तर के अनुभव, कामकाजी परेशानियों और ऑफिस संस्कृति को साझा करने का एक लोकप्रिय मंच बन चुका है। यहां लोग अनाम रूप से अपने अनुभव साझा कर सकते हैं, सलाह मांग सकते हैं और समान परिस्थितियों से गुज़रने वाले अन्य कर्मचारियों से जुड़ सकते हैं। हाल ही में, एक Reddit यूज़र ने अपनी नौकरी से निकाले जाने का चौंकाने वाला अनुभव साझा किया, जिससे ऑनलाइन चर्चा शुरू हो गई।

इस कर्मचारी के अनुसार, वह गुरुग्राम की एक स्टार्टअप कंपनी में काम कर रहा था, लेकिन सिर्फ 20 दिन के भीतर उसे नौकरी से निकाल दिया गया। उसने बताया कि शुरू से ही उसे ‘रवैये की समस्या’ (attitude problem) और ‘जमीन से जुड़े न होने’ (not being down to earth) का आरोप लगाया गया

समय पर ऑफिस छोड़ना और चाय ब्रेक लेना बना समस्या

Reddit पोस्ट में कर्मचारी ने लिखा, “मैं समझ ही नहीं पाया कि मेरा रवैया गलत कैसे है, फिर भी मैंने कहा कि अगर ऐसा है तो मैं इसे सुधारूंगा।”

हालात तब और अजीब हो गए जब नियोक्ता (employer) ने उसे और दो अन्य नए कर्मचारियों को साथ में चाय ब्रेक लेने पर टोकना शुरू कर दिया। उसने कहा, “ग्रुप मत बनाओ, यह कंपनी के लिए अच्छा नहीं है”

इसके बाद, 7 बजे समय पर ऑफिस छोड़ने पर भी उसे दिक्कत होने लगी। कर्मचारी ने लिखा, “बॉस ने मुझसे कहा कि तुम बिल्कुल 7 बजे क्यों जा रहे हो? यह अच्छा नहीं है।”

अचानक निकाले जाने का झटका

20वें दिन, हालात और बिगड़ गए। कर्मचारी को उसके डेस्क के बजाय डायरेक्टर के केबिन में बैठकर काम करने के लिए कहा गया। उसने लिखा, “भाई, कौन पूरी दिन डायरेक्टर के केबिन में बैठकर काम करता है?”

शाम को, जब उसने केबिन से बाहर झांककर देखा कि उसके सहकर्मी अभी भी चाय ब्रेक के लिए मौजूद हैं या नहीं, तो डायरेक्टर अचानक भड़क उठा

कर्मचारी के मुताबिक, “डायरेक्टर अचानक गुस्से में आ गया और बोला – ‘तुम बाहर क्यों देख रहे हो? मैं बात कर रहा हूँ!’ फिर उसने एचआर (HR) को तुरंत मुझे निकालने का आदेश दे दिया।”

ऑनलाइन बहस – ‘टॉक्सिक वर्क कल्चर’ से बचना ही बेहतर

यह पोस्ट कुछ दिन पहले शेयर की गई थी और तब से इस पर ऑनलाइन काफी चर्चा हो रही है। कई यूज़र्स ने नियोक्ता के व्यवहार को अनुचितबताया और कर्मचारी के समर्थन में अपनी राय रखी।

एक यूज़र ने लिखा – “शुक्र मनाओ कि तुम उस जगह से निकल गए। यह एक टॉक्सिक वर्क एनवायरमेंट (toxic work environment) था।”

दूसरे ने कहा – “खुश रहो कि तुम्हें वहां से निकाल दिया गया। इससे दिल छोटा मत करो, इससे बेहतर नौकरी ढूंढो।”

तीसरे यूज़र ने टिप्पणी की – “अच्छा हुआ कि इस कंपनी से छुटकारा मिला, भाई। तुमने एक बड़ी मुश्किल से खुद को बचा लिया।”

एक अन्य यूज़र ने सख्त लहजे में लिखा – **”यह वही चीज़ है जो स्कूल में होती थी, जब हमें ‘सुधारने’ के लिए प्रिंसिपल के कमरे में भेजा जाता था। क्या तुम इस टॉक्सिक वर्क कल्चर को नहीं देख पा रहे? एक बात साफ कर दूं – ‘समय पर ऑफिस छोड़ना’ यह साबित नहीं करता कि आप बुरे कर्मचारी हैं। इसका मतलब यह है कि आप अपने काम को समय पर पूरा कर रहे हैं। देर तक काम करना कोई ‘सम्मान’ की बात नहीं है। यह आपकी मानसिक सेहत के लिए हानिकारक है। अगर आपका बॉस इसे बढ़ावा देता है, तो इसका मतलब है कि वह ‘खराब प्रबंधन’ (bad management) करता है। तुमने खुद को सालों की परेशानियों और मानसिक तनाव से बचा लिया।”

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