अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीति ने वैश्विक बाजारों में कोहराम मचा दिया है। भारतीय शेयर बाजार भी इससे अछूता नहीं रहा — जहां सिर्फ 10 सेकंड में निवेशकों की 20 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की पूंजी स्वाहा हो गई। सेंसेक्स लगभग 4,000 अंकों की गिरावट के साथ खुला और 3.5% से ज्यादा लुढ़क गया, वहीं निफ्टी में भी 1,000 अंकों की भारी गिरावट दर्ज की गई।
यह भारी गिरावट एशियाई शेयर बाजारों में आई बिकवाली और अमेरिका के बाजारों में संभावित मंदी की आशंकाओं के चलते हुई है।
🇺🇸 ट्रंप के टैरिफ और भारत पर असर
राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा घोषित देश-विशेष टैरिफ में कुछ शुल्क 50% तक जा रहे हैं। भारत के लिए यह दर 26% तय की गई है, जबकि सभी देशों पर 10% का बेसलाइन शुल्क लगाया गया है।
ट्रंप ने मीडिया से बातचीत में इन टैरिफ को “इलाज के लिए जरूरी दवा” बताया और वैश्विक बाजारों में मचे हाहाकार से खुद को अछूता बताया।
📉 भारतीय बाजार में भूचाल
- सेंसेक्स: 3,939.68 अंकों की गिरावट के साथ 71,425.01
- निफ्टी: 1,160.8 अंकों की गिरावट के साथ 21,743.65
- रुपया: 30 पैसे की गिरावट के साथ 85.74 प्रति डॉलर पर खुला
10 बजे तक सेंसेक्स 2,700 अंकों से ज्यादा नीचे था, जबकि निफ्टी 22,000 के आसपास बना हुआ था।
🗣️ विशेषज्ञों की राय
मार्केट एक्सपर्ट अजय बग्गा ने कहा,
“भारत को घरेलू कारणों से नहीं, बल्कि वैश्विक पूंजी प्रवाह की चेन में जुड़ा होने के कारण असर झेलना पड़ रहा है। अब हमें वित्तीय, मौद्रिक और नीतिगत सुधारों की जरूरत है।”
सुनील गुर्जर, SEBI रजिस्टर्ड एनालिस्ट ने बताया कि
“Nifty50 पहला सपोर्ट लेवल तोड़ चुका है, दूसरा सपोर्ट भी पास में है। अगर और गिरावट हुई, तो ट्रेंड और नीचे जाएगा।”
🌏 वैश्विक बाजार में हाहाकार
- चीन: 34% टैरिफ के जवाब में पलटवार, शेयर बाजार में 4% से ज्यादा की गिरावट
- हांगकांग (हैंग सेंग): 10% से ज्यादा की गिरावट
- जापान (निक्केई): शुरुआती कारोबार में 8% तक की गिरावट, अब तक 6.5% नीचे
- ताइवान: लगभग 10% की भारी गिरावट
- सिंगापुर: 8% की गिरावट
जापान और ताइवान के बाजारों में सर्किट ब्रेकर लगाना पड़ा।
📉 वॉल स्ट्रीट भी खतरे में
अमेरिका में स्टॉक मार्केट खुलने से पहले फ्यूचर्स ट्रेडिंग में भारी गिरावट दर्ज की गई है, जिससे संकेत मिलते हैं कि सोमवार को US मार्केट में बड़ी गिरावट देखने को मिल सकती है।
SPI एसेट मैनेजमेंट के स्टीफन इनस ने चेताया,
“बाजार फ्री-फॉल मोड में है। ट्रंप इसे जीत के रूप में पेश कर रहे हैं, न कि बातचीत की रणनीति के तौर पर। अगर यही रुख जारी रहा, तो वैश्विक मंदी का खतरा सिर पर मंडरा रहा है।”
निष्कर्ष: ट्रंप की टैरिफ नीति ने वैश्विक शेयर बाजारों में डर और अनिश्चितता का माहौल बना दिया है। भारत को इससे उबरने के लिए आंतरिक नीतिगत मजबूती की आवश्यकता है।