पाहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले, जिसमें 26 लोगों की जान गई, के बाद केंद्र सरकार ने गुरुवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई है। लेकिन इस बैठक में सिर्फ उन्हीं दलों को बुलाया गया है, जिनके लोकसभा या राज्यसभा में कम से कम 5 सांसद हैं।
इस फैसले के चलते कई क्षेत्रीय और राष्ट्रीय दल, जिनमें हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM भी शामिल है, को बाहर रखा गया।
इस पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए ओवैसी ने इसे “गैर-लोकतांत्रिक” बताया।
📌 क्या बोले ओवैसी?
असदुद्दीन ओवैसी ने कहा,
“मैंने पिछली रात किरण रिजिजू से बात की। उन्होंने कहा कि वे सिर्फ उन्हीं पार्टियों को बुला रहे हैं जिनके ‘5 या 10 सांसद’ हैं। जब मैंने पूछा कि कम सांसद वाली पार्टियों को क्यों नहीं बुला रहे, तो बोले कि बैठक बहुत लंबी हो जाएगी। और फिर मजाक में कहा कि मेरी आवाज़ वैसे भी काफी तेज़ है।”
ओवैसी ने कहा कि यह किसी पार्टी की अंदरूनी बैठक नहीं, बल्कि देश की एकजुटता दिखाने का मौका है।
“ये आतंकवाद और आतंकियों को पनाह देने वाले देशों के खिलाफ एक मज़बूत राष्ट्रीय संदेश देने का मौका है। ऐसे में एक सांसद वाली पार्टी हो या 100 सांसद वाली — हर किसी को बुलाया जाना चाहिए। हम सब भारत के ही वोट से चुनकर आए हैं।”
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील करते हुए कहा,
“इसे सच्ची सर्वदलीय बैठक बनाइए। संसद में मौजूद हर पार्टी को इसमें शामिल कीजिए। ये राजनीतिक नहीं, राष्ट्रीय मामला है।”
📌 पिछले उदाहरण
इससे पहले भी सरकार ने पुलवामा आतंकी हमले (2019) और भारत-चीन सीमा तनाव (2020) जैसे मुद्दों पर सर्वदलीय बैठकें बुलाई थीं, जिनमें सभी पार्टियों को शामिल किया गया था।