यूनाइटेड नेशंस चिल्ड्रन्स फंड ने यह अनुमान लगाया है इस साल भारत में मार्च से दिसंबर के बीच सबसे अधिक 2 करोड़ बच्चे पैदा हो सकते हैं। यूनिसेफ के मुताबिक, मार्च से दिसंबर के बीच दुनियाभर में कुल 11 करोड़ 60 लाख बच्चों के पैदा होने का अनुमान है। इसमें अकेले भारत में 2.1 करोड़, जबकि चीन में 1.35 करोड़ बच्चे जन्म लेंगे। यूनिसेफ के अनुमान का आधार संयुक्त राष्ट्र की वर्ल्ड पॉपुलेशन डिवीजन 2019 की रिपोर्ट है। एक औसत गर्भावस्था आमतौर पर पूरे 9 महीने या 40 सप्ताह तक रहती है, इसी पैमाने पर बच्चों के पैदा होने का आकलन किया गया है।
कोरोना महामारी के इस दौर में नई मांओं और नवजातों को जिंदगी काफ़ी कष्टदायक होने वाली है। कोविड-19 की रोकथाम के लिए दुनियाभर में कर्फ्यू और लॉकडाउन जैसे हालात हैं। ऐसे में जरूरी दवाओं और उपकरणों का अभाव, एएनएम और हेल्थ वर्कर्स की कमी से गर्भवती महिलाओं को जूझना पड़ेगा।