कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम के लिए देशभर में पूर्ण लॉक डाउन घोषित किया गया है। लॉकडाउन के दौरान राज्यभर में काफी संख्या में पुलिसकर्मियों की कमी है। इसकी भरपाई के लिए पुलिस मुख्यालय स्तर पर जांच शुरु हुई, तो पाया गया कि काफी संख्या में पुलिसकर्मी निजी व्यक्तियों की सुरक्षा में लगे हुए है। डीजीपी एमवी राव ने पूरी वस्तुस्थिति को देखते हुए राज्यभर के एसएसपी और एसपी को आदेश दिया है कि ऐसे लोगों से अंगरक्षक वापस लिया जाये। यह कार्रवाई 3 अप्रैल तक पूरा कर लेने का भी निर्देश दिया गया है। इससे संबंधित पत्राचार राज्यभर के एसएसपी और एसपी को कर दिया गया है।
डीजीपी के पत्राचार में इस बात को साफ बोला गया है कि 2 अप्रैल की शाम 5 बजे तक निजी व्यक्ति की सुरक्षा में लगे सभी अंगरक्षकों को क्लोज कर सूची तैयार कर लें। वहीं 3 अप्रैल के पूर्वाहन तक वायरलेस या ई-मेल से पूरी सूची पुलिस मुख्यालय को उपलब्ध करा दें। इस कार्रवाई के बाद अगर किसी निजी व्यक्ति के पास अंगरक्षक देखा गया, तो इसकी पूरी जिम्मेवारी संबंधित पुलिस अधीक्षक की होगी।
डीजीपी के पत्राचार में निर्देश दिया गया है कि राज्य के सात वर्ग के लोगों की सुरक्षा में लगे पुलिसकर्मी क्लोज नहीं होंगे। जिसमें विधायक, सांसद (लोकसभा व राज्यसभा), पूर्व विधायक, पूर्व सांसद (लोकसभा व राज्यसभा), वर्तमान में कार्यरत सरकार के पदाधिकारी, उच्च न्यायालय के न्यायाधीश और न्यायिक सेवा से जुड़े पदाधिकारी शामिल है।