मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि झारखंड प्रकृति के आंचल में बसा प्रदेश है। यहां के हरे-भरे जंगल, खेत, नदी-नाले एवं प्राकृतिक सौंदर्य इस प्रदेश की पहचान है। इन्हीं प्रकृतिक संपदाओं के दृष्टिगत इस प्रदेश को झारखंड के नाम से जाना जाता है। वर्तमान समय में हमसबों को पर्यावरण के प्रति जिम्मेदार और जागरूक होने की आवश्यकता है। उक्त बातें मुख्यमंत्री ने आज वन भवन, डोरंडा, रांची के परिसर में विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहीं।
मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि बायोडायवर्सिटी सरकार की परिकल्पना है। हमसबों को मिलकर इस परिकल्पना को मूर्त रूप देना है। उन्होंने कहा कि हमारे आने वाले पीढ़ी को भी हम हरा-भरा प्रदेश सौपें यह हम सभी की जिम्मेदारी है। हमारा झारखंड प्रदेश जितना हरा-भरा रहेगा उतना ही खुशहाल जिंदगी झारखंड वासियों की होगी। वैसे भी झारखंड के लोग सदैव प्रकृति प्रेमी रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान समय में पर्यावरण को लेकर पूरे विश्व में चर्चाएं हो रही हैं। मुझे लगता है कि इसकी जरूरत इसलिए पड़ी है क्योंकि पूर्व में पर्यावरण के साथ काफी खिलवाड़ किया गया है।
मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि आज विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर इस परिसर में हम सभी लोग एकत्रित हुए हैं। आज का दिन संकल्प लेने का दिन है कि सभी लोग अपने अपने स्तर पर पौधारोपण करें और हरे-भरे झारखंड के निर्माण में अपनी भूमिका निभाएं। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर स्वयं पौधारोपण भी किया। मुख्यमंत्री ने मौके पर उपस्थित सभी मीडिया कर्मियों से भी पौधारोपण करने की अपील की।