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सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि भारतीय दंड प्रक्रिया संहिता (Criminal Procedure Code) और भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 (Bhartiya Nagrik Suraksha Sanhita, 2023) के तहत पुलिस आरोपियों को व्हाट्सएप या अन्य इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों से नोटिस नहीं भेज सकती।
अदालत ने कहा कि कानून के प्रावधानों के तहत नोटिस देने की एक निर्धारित प्रक्रिया है, जिसका पालन करना अनिवार्य है। व्हाट्सएप या अन्य डिजिटल माध्यमों से नोटिस भेजने से कई व्यावहारिक और कानूनी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं, जिससे न्यायिक प्रक्रिया प्रभावित हो सकती है।
इस फैसले के बाद अब पुलिस को आरोपियों को नोटिस देने के लिए विधिवत प्रक्रिया अपनानी होगी, जिससे कानूनी प्रक्रिया की पारदर्शिता और विश्वसनीयता बनी रहे।