राज्य सरकार देश में कोविड-19 के संक्रमण से बचाव के लिए जारी लॉक डाउन की वजह से झारखंड राज्य से बाहर फंसे सभी झारखंडवासियों की सहायता के लिए प्रतिबद्ध है। श्रम विभाग द्वारा जारी किए गए टॉल फ्री नम्बर्स पर अबतक 33,155 कॉल्स प्राप्त हुए हैं, जिसमें राज्य के बाहर 9,50,539 लोगों के फंसे होने की सूचना प्राप्त हुई है। इनमें 14,207 जगहों पर 6,41,205 प्रवासी मजदूरों के फंसे होने की जानकारी प्राप्त हुई है। अब तक सरकार द्वारा 13,731 जगहों पर फंसे 5,03,364 मजदूरों के खाने एवं रहने की व्यवस्था की गयी है। सभी लोगों के संबंध में पूरी जानकारी जुटाई जा रही है, ताकि हरसंभव मदद पहुंचायी जा सके।
राज्य सरकार कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए कड़े कदम उठा रही है। इसके साथ ही सरकार इस ओर भी अपने सारे संसाधनों का इस्तेमाल कर रही है कि पूरे राज्य में जारी लॉक डाउन की वजह से गरीब लोगों के सामने खाने की समस्या उत्पन्न न हो। इस हेतु खाद्य, सार्वजनिक वितरण एवं उपभोक्ता मामले विभाग द्वारा लोगों तक विभिन्न योजनाओं के तहत राशन एवं खाना पहुँचाने का कार्य किया जा रहा है। विभाग द्वारा प्राप्त आंकड़ो के अनुसार अब तक राज्य में सभी राशन कार्ड धारकों के बीच अप्रैल माह का कुल 1,35,868.646 मेट्रिक टन अनाज एवं मई माह का कुल 1,40,320.588 मेट्रिक टन अनाज वितरित किया गया है। वहीं नन पीडीएस के तहत 2,78,382 लोगों तक अनाज उपलब्ध करा दिया गया है। विभाग द्वारा 1,84,937 लोगों तक अनाज भी पहुंचाने का कार्य किया गया है। इसके साथ ही विभाग द्वारा विभिन्न योजनाओं के तहत जरूरतमंदों तक पका हुआ भोजन उपलब्ध कराया जा रहा, जिसमें मुख्यमंत्री दाल भात योजना के 351 केंद्र, विशेष दाल भात के 588 केंद्र एवं अतिरिक्त दाल भात के 394 केंद्र विभिन्न जिलों में कार्य कर रहें हैं। इन केंद्रों द्वारा रोजाना लाखों लोगों को पका हुआ भोजन खिलाया जा रहा है। इसके अलावा मुख्यमंत्री दीदी किचेन के तहत 6,910 दीदी किचेन कार्य कर रहे हैं। इन सभी केंद्रों पर साफ सफाई के साथ-साथ फिजिकल डिस्टेंसिंग का भी अनुपालन किया जा रहा है। इसके अलावा सरकार द्वारा चलाये जा रहे विभिन्न राहत कैम्पों में 2,47,662 प्रवासी मजदूरों को खाना खिलाया जा रहा है। एनजीओ एवं वॉलिंटियर्स के 1,036 टीमों द्वारा राज्य में विभिन्न जगहों पर 38,73,332 लोगों को खाना खिलाया गया है। साथ ही आकस्मिक राहत पैकेट का वितरण भी जरूरतमंदों के बीच किया जा रहा है।