अपने पति की लंबी आयु के लिए महिलाएं 22 मई को वट सावित्री व्रत करेगी। हर साल ज्येष्ठ माह में अमावस्या के दिन यह व्रत की जाती है। इस वर्ष 22 मई 2020 को विवाहित महिलाओं द्वारा वट सावित्री व्रत की पूजा की जाएगी। विवाहिताओं द्वारा यह व्रत मनाया जाएगा परन्तु वट वृक्ष के पास भीड़ जुटाने की इजाजत नहीं है। लॉकडाउन ने त्यौहारों पर असर तो जरूर किया है पर विवाहिताओं का उत्साह कम नहीं हुआ है। लॉकडाउन के कारण सब ठप है।
ज्ञात हो कि शहर में कई ऐसे स्थान हैं जहां महिलाएं हर वर्ष पूजा के लिए जाती थीं पर ये भी बंद हैं। लॉकडाउन से बाजार मंदा है और घर से निकलना भी मुश्किल। इसलिए इस बार वट सावित्री पूजा छोटे स्तर पर घर में ही की जाएगी। पहली बार व्रत कर रहीं विवाहिताओं के लिए अधिक परेशानी है क्योंकि पारंपरिक तरीके से पूजा नहीं हो पाएगी। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार माता सावित्री अपने पति के प्राणों को यमराज से छुड़ाकर ले आई थी। इस व्रत का महिलाओं के बीच विशेष महत्व बताया जाता है। इस दिन वट (बरगद) का पूजन होता है। इस व्रत को स्त्रियां अखंड सौभाग्यवती रहने की मंगलकामना से करती हैं।