पश्चिम बंगाल के राज्यपाल डॉ. सी.वी. आनंद बोस ने सीमा सुरक्षा बल (BSF) के जवानों के समर्पण और कर्तव्यनिष्ठा की भूरि-भूरि प्रशंसा करते हुए कहा कि “जब तक आप हमारी सीमाओं पर खड़े हैं, तब तक भारत पूरी तरह सुरक्षित है।” राज्यपाल ने यह बात गुरुवार को एक अलंकरण समारोहमें कही, जहां उन्होंने वीर जवानों और अधिकारियों को उनकी असाधारण सेवाओं के लिए सम्मानित किया।
33 BSF कार्मिकों को राष्ट्रपति पुलिस पदक से नवाजा गया
समारोह के दौरान, BSF के 33 जांबाज जवानों और अधिकारियों को राष्ट्रपति पुलिस पदक (PMMS) से सम्मानित किया गया। यह पदक उन कर्मियों को दिया जाता है जिन्होंने अनुकरणीय कर्तव्यनिष्ठा और उत्कृष्ट सेवा का प्रदर्शन किया है।
समारोह में पूर्वी कमान के अतिरिक्त महानिदेशक (ADG) रवि गांधी और दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के IG मनिंदर पी.एस. पवार की मौजूदगी में राज्यपाल ने पदक वितरित किए।
सम्मानित किए गए कार्मिकों में:
- 20 सेवारत और 13 सेवानिवृत्त जवान एवं अधिकारी शामिल थे।
- ये अधिकारी पूर्वी कमान के विभिन्न फ्रंटियरों, सेक्टर मुख्यालयों और बटालियनों से थे।
- इस मौके पर उनके परिजन, BSF के सभी रैंक के अधिकारी, जवान और सेवानिवृत्त कर्मी भी उपस्थित रहे।
राज्यपाल का प्रेरणादायक संदेश: वीर जवानों से आने वाली पीढ़ियों को मिलेगी प्रेरणा
पदक प्रदान करने के बाद अपने संबोधन में राज्यपाल डॉ. बोस ने सम्मानित जवानों को बधाई देते हुए उनके परिश्रम और राष्ट्र के प्रति समर्पण की सराहना की। उन्होंने कहा कि “आज सम्मानित होने वाले सभी वीर जवान पूरे देश के लिए प्रेरणा हैं। आपका साहस और कर्तव्यपरायणता आने वाली पीढ़ियों को राष्ट्रसेवा की भावना से ओतप्रोत करेगी।”
महाभारत का प्रसंग सुनाया, BSF की गौरवगाथा से जोड़ा
राज्यपाल बोस ने BSF की प्रशंसा करते हुए महाभारत का प्रसंग भी सुनाया। उन्होंने कहा कि जब भीष्म पितामह मृत्युशैया पर थे, तब राजा युधिष्ठिर ने उनसे राजा के प्रथम कर्तव्य के बारे में पूछा। इस पर भीष्म ने उत्तर दिया कि “राजा का सबसे महत्वपूर्ण कार्य अपनी सीमाओं की रक्षा करना है।”
राज्यपाल ने इस प्रसंग को जोड़ते हुए कहा, “राजा का बल ही उसकी सीमा की सुरक्षा करता है। सीमा सुरक्षा बल (BSF) भी इसी भावना का जीवंत उदाहरण है। हम गर्व से कह सकते हैं कि BSF की भावना का उदय महाभारत काल से ही हुआ है।”
BSF सिर्फ एक सुरक्षा एजेंसी नहीं, बल्कि भारत की रक्षा शक्ति है
राज्यपाल ने कहा कि BSF केवल एक सुरक्षा एजेंसी नहीं, बल्कि भारत की अखंडता की रक्षा करने वाली अद्वितीय शक्ति है। उन्होंने बल के रणनीतिक कौशल, आधुनिक बुनियादी ढांचे, उन्नत हथियारों और उच्च स्तरीय प्रशिक्षण की सराहना करते हुए कहा कि BSF हर चुनौती का सामना करने के लिए सदैव तत्पर रहती है।
समारोह की विशेषताएं:
✅ BSF के 33 जवानों और अधिकारियों को राष्ट्रपति पुलिस पदक से सम्मान
✅ राज्यपाल ने वीर जवानों के साहस और समर्पण की सराहना की
✅ महाभारत के प्रसंग के जरिए BSF के गौरवशाली इतिहास को जोड़ा
✅ BSF को भारत की अखंडता और सुरक्षा की ‘अद्वितीय शक्ति’ बताया
राज्यपाल के इन प्रेरणादायक शब्दों ने BSF जवानों के बलिदान, निष्ठा और वीरता को नई ऊंचाइयों पर स्थापित कर दिया।